Saturday, September 27, 2008

नाम खुरच कर क्या साबित किया ????

ब्लागर ओमकार चौधरी जी की आज की पोस्ट को पढ़ कर बड़ा दुख हुआ, उन्होंने अपने ब्लाग पर एक पोस्ट डाली थी जिसे अमर उजाला के ब्लाग कोना कालम में प्रकाशित किया। अमर उजाला अखबार के किसी कर्मचारी या अधिकारी ने ब्लाग कोना से ओमकार जी का नाम खुरच दिया और ब्लाग का नाम जाने दिया। यह काम निश्चत रूप से उस समय किया गया होगा जब पेज छूट रहे होंगे। अगर समय रहते नाम हटाया जाता तो जैसा अखबार में दिखा रहा है, वैसा नहीं दिखाया देता । ऐसा लगता है कि नाम आखिरी स्टेज पर खुरचा गया है मैं स्वम भी अखबार में काम करती हूं। दिन भर खबरों के बीच में ही दिन गुजरता है। समझ नहीं आ रहा है कि मीडिया के लोग मीडिया के लोगों के लिये कैसी सोच रखते हैं। आप इस प्रकार की सोच को क्या कहेंगे? ऐसा करके आखिर क्या साबित करने का प्रयास किया गया है???

13 comments:

admin said...

जिस व्यक्ति ने भी ऐसा काम किया है, उसने अनजाने में ही अपने व्यक्तिव को ही उजागर किया है। ईश्वर से उदे सदबुद्धि दे।

seema gupta said...

who so ever has done this act, it is very shameful and he should be ashamed of this cheap act. Really sorry to know abt it"

Regards

Anonymous said...

aap ne media mae ho kar bhi is baat ko apney blogar likh kar kaafi achchaii ka parichay diya haen

रंजू भाटिया said...

उन्होंने अपनी सोच की सीमा को यह कर के बताया है . ऐसे लोगों का रब्ब राखा

MANVINDER BHIMBER said...

Rachana ji,
aapki tippni se mujhe sachc much sambal mila hai.....apki tippni mere liye meaningful hai..... buraaee kahin bhi ho...wo buri hi rahegi.....media bhi samaj ka hi ang hai.....sab ki soch apni soch hai.....wahi mene likhne ka pryaas kiya hai

MANVINDER BHIMBER said...

also thanx for Ranjana and Seema ...
to sport like this

Anonymous said...

ओमकार जी जो कह रहे हैं वो एक सच है पर इनका एक दूसरा सच भी मीडिया नारद पर पढ़ने को मिला वो भी कम रोचक नहीं है

MANVINDER BHIMBER said...

mai Zakir ali ji ka bhi thanx karti hu....

श्रीकांत पाराशर said...

yah sankeeran soch ka ek namuna matra hai. vaise har editor ya sub editor aise nahin hote. hamare akhbar men bhi blogs ke liye space hai jismen roz do bloggers ke vichar chhapte hain aur unka naam tatha blog id bhi chhapta hai.darasal naam anjane men chhut jaye to koi baat nahin magar janbujhkar naam mitana ochhi harkat hai.

L.Goswami said...

yah sirf vikrit mansikata ka parichay hai aur kuchh nahi.khair aapne virodh ki pahal ki aapko badhayi.

प्रदीप मानोरिया said...

सचमुच बड़ी ही दुर्भाग्य पूर्ण बिडम्बना है

मेरी नई पोस्ट कांग्रेसी दोहे पढने हेतु आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं

wo bhor ki nanhi kiran said...

apne jo btaya wo such much nindniy hai. aap ki kalam me ptatishodh jhalkta hai
mai aap se baat karna chahti hu mera mail id upashna16@gmail.com hai kabhi free ho to online rhiyega
shradha

Anonymous said...

its very bad mam... apne hi chalate hain nashe man p bijliyan....