Saturday, December 4, 2010

बच्चे बने रहना कितना अच्छा है न .......

पिछले एक महीने से आरती मेरे साथ थी। घर में बड़ा खुशनुमा माहौल बना रहा क्योंकि अंगद की शैतानियां हर समय मुझे गुदगुदाती रहती। बीच बीच में आरती कहती रहती, गैरी की शादी के बाद पूना जा कर शिफ्टिंग करनी है। उस समय मैंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया लेकिन कल उसका फोन आया। 'मां, आज अंगद की टीचर अंगद के स्कूल छोडऩे से बहुत दुखी हो रही थी। टीचर ने अंगद की बुक्स वापस कर दी हैं। उसके स्कूल के दूसरे सामान भी वापस कर दिए है ताकि वह अगले स्कूल में काम आ सकें। मेरी सहेलियां भी मेरे जाने की खबर से दुखी हो रही है। मेरा मन बहुत भारी हो रहा है।Ó यह कहते हुए उसकी आवाज भारी हो रही थी। अंगद तो बच्चा है, उसे किसी के दूर और पास रहने से कोई अंतर नहीं पड़ता, बस आरती और टिंकू से चिपका रहना उसे पसंद है। लेकिन आरती भी अपनी सोसायटी के परिवारों से दूर जाने से कहीं न कहीं बहुत दुखी हो रही है। उसे पिछले तीन सालों में पूना में अपना घर बड़े मन से सजाया। मैं भी एक बार देख कर आ चुकी हूं। उसका अपना सर्किल भी बना हुआ है जिसमंे कभी बर्थडे पाीर्टी तो कभी पार्टी की दूसरी वजह से लेडीज की गेट टू गेदर चलती रहती है। अब टिंकू की पोस्टिंग मुंबई में हो गई है तो उन लोगों को मुंबई शिफ्ट होना पड़ा रहा है। मैं आरती के मनोस्थिति समझ सकती हूं। उसके हाथों से सजाया हुआ उसका घर वहीं रहा जायेगा। वहां की एक एक चीज उसने शौक से तैयार करायी थी। अब वहां कोई किराएदार रहेगा। यह भी मजबूरी है। वे खुद मुंबई में किराए के फ्लेट में रहने जा रहे हैं। अपने प्यारे से घर और दोस्तों से दूर चले जाने का दर्द आरती को परेशान कर रहा है। आरती मेरी बहुत प्यारी बच्ची है। मेरी भूरे बालों वाली बेटी जिसने हमारे घर को परिवार को खुशियां दी है अंगद को हमारी जिंदगी में ला कर। उसके मन का दर्द हालांकि कुछ दिन बाद कम हो जायेगा या फिर यह भी हो सकता है कि अच्छे दोस्त मिल जाने से रहेगा ही नहीं लेकिन फिलहाल मुझे आरती का दर्द अपने सीने में महसूस हो रहा है। आज आरती और टिंकू पैकर्स के साथ बिजी हैं और अंगद भी मां से कह रहा है, मामा, पापा गोट न्यू कार एंड न्यू होम .....बच्चे बने रहना कितना अच्छा है न ।