Monday, August 31, 2009

ये बातें अमृता के साथ हैं या उन फूलों के साथ

आज अमृता जी का जन्म दिन है .......अमृता की बात करो तो इमरोज की बात खुद ब खुद शुरू हो जाती है ....इमरोज से बात करो तो वहां सब ओर अमृता ही मिलेंगी .....इमरोज के शब्दों मैं उनकी एक नज्म ..... किसी के साथ बातें की .......पर बात न बनी .......चले .......पर पहुंचे नहीं ......सोये ......पर जगे नहीं ..............वो मिली..... उसने मुझे देखा .....पता नहीं क्या देखा .....मैंने भी उसे देखा..... पता नहीं क्या देखा..... बोले भी नहीं ...............पर बात बन गई .....चले भी नहीं .....पहुंच गए .....सोये भी नहीं ..... जाग गए ...... पता नहीं ये बातें अमृता के साथ हैं या उन फूलों के साथ जो आज इमरोज अमृता के लिए लाये हैं