Monday, August 31, 2009
ये बातें अमृता के साथ हैं या उन फूलों के साथ
आज अमृता जी का जन्म दिन है .......अमृता की बात करो तो इमरोज की बात खुद ब खुद शुरू हो जाती है ....इमरोज से बात करो तो वहां सब ओर अमृता ही मिलेंगी .....इमरोज के शब्दों मैं उनकी एक नज्म .....
किसी के साथ बातें की .......पर बात न बनी .......चले .......पर पहुंचे नहीं ......सोये ......पर जगे नहीं ..............वो मिली..... उसने मुझे देखा .....पता नहीं क्या देखा .....मैंने भी उसे देखा..... पता नहीं क्या देखा..... बोले भी नहीं ...............पर बात बन गई .....चले भी नहीं .....पहुंच गए .....सोये भी नहीं ..... जाग गए ......
पता नहीं ये बातें अमृता के साथ हैं या उन फूलों के साथ जो आज इमरोज अमृता के लिए लाये हैं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
19 comments:
आज अमृता जी के जन्मदिन पर आपने अपने मन का सारा प्रेम उड़ेल दिया है, बधाई
very nice madam....
amrita ji k liye apne bahut khoob likha hai...
खूब याद किया आपने अमृता जी को।
यह एक अलौकिक प्यार की कहानी है जो सत्य भी है ........बहुत ही सुन्दर पोस्ट......बधाई
बहुत खूब...अमृता प्रीतम ने उम्रभर प्रेम को जिया और उसे अमर बना दिया...उन्हें प्रेम की देवी कहना गलत न होगा...
बहुत अच्छा लगता है आपके ब्लॉग पर आकर...
अमृता जी के जन्मदिन पर नमन..रचना पसंद आई.
खूबसूरत पोस्ट.
जन्मदिन पर अमृता जी को याद करने के लिए और पोस्ट/ रचना भी बहुत पसंद आई .
धन्यवाद
baaten hain unki
to pucho unse hi
tum ho ya khushboo
amrita ji ke janamdin par is nazm ne use khas bana diya.
KITNA SUKHAD LAGTA HAI AAPKO PADHNA......... LAJAWAAB LIKHA HAI AMRITA JI KE JANM DIN PAR .... ALOKIK PYAAR KI MAHAK HAI AAPKE LEKHAN MEIN ...
अमृता जी के जन्मदिन एक शानदार पोस्ट।
अमृता जी के जन्म दिन पर उन्ही का लिखा एक गीत आपकी नज़र ....
अम्बर की एक पाक सुराही ,
बादल का एक जाम उठाकर
घूँट चांदनी पी है हमने
बात कुफ्र की की है हमने ...
कैसे इसका कर्ज चुकाएं
मांग के अपनी मौत के हाथों
यह जो जिन्दगी ली है हमने
बात कुफ्र की की है हमने ...
अपना इसमें कुछ भी नहीं है
रोजे अज़ल से उसकी अमानत
उसको वही तो दी है हमने
बात कुफ्र की की है हमने ....
kya baat hai ji....
अमृता की बात करो तो इमरोज की बात खुद ब खुद शुरू हो जाती है ....इमरोज से बात करो तो वहां सब ओर अमृता ही मिलेंगी .....
sahi kaha Manvinder ji ....ham khushnaseeb hain jo in mhaan hastiyon ka sath hamein mila ....!!
amritaa di gall jitthe vi challe
imroz ji daa naaN aaoonaa laazmee ho jaanda hai
tuhaadi post te aa ke khushi mehsoos hoee
panesar
क्या कहूँ....इतने प्रेम को देखकर...अक्सर मेरी जबान बंद हो जाती हैं....और आँखे नम...!!
इष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
Post a Comment