सुबह सवेरे
कोहरे में सब कुछ
धुंधला गया
गुलाब का बूटा
जिससे महकता था आंगन
दरख्त जहां पलती थी गर्माहट
मोड़ जहां इंतजार का डेरा था
कुछ भी तो नहीं दिख रहा
सब धुंधला गया
दिल पर हाथ रखा तो
वह धड़क गया
तेरे ख्याल भर से
सोचा
यह ख्याल है या जिक्र भर तेरा
तुम कहते हो
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
27 comments:
यह ख्याल है या जिक्र भर तेरा
तुम कहते हो
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
bahut sundar badhiya parikalpana . dhanyawad.
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
सुन्दर प्रस्तुति। कहते भी हैं कि-
खुशबू तेरे बदन की मेरे साथ साथ है।
कह दो जरा हवा से तन्हा नहीं हूँ मैं।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
ख़ूब ! मुझे न जाने क्यों एक शेर याद आ गया :
किस किस तरह की दिल में गुज़रतीं हैं हसरतें
है वस्ल से ज़ियादा मज़ा इंतज़ार में
kya bat hai!
bahut sundar parstuti!
बहोत खूब लिखा है आपने ढेरो बधाई .................
अर्श
दिल पर हाथ रखा तो
वह धड़क गया....
जिस तरह से धड़का, बहुत अच्छा लगा पढ़कर|
अति सुन्दर, प्रशंसा करने योग्य!
यह ख्याल है या जिक्र भर तेरा
तुम कहते हो
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
वाह क्या बात है, बहुत सुंदर भाव
धन्यवाद
यह ख्याल है या जिक्र भर तेरा
तुम कहते हो
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
" bhut sunder'
regards
दिल पर हाथ ------बडिया लिखा है
aapne itni achi nazm likhi ki , ab kahne ko kuch baaki hi nahi raha ..
मोड़ जहां इंतजार का डेरा था
दिल पर हाथ रखा तो वह धड़क गया तेरे ख्याल भर से
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
behtareen pankhitiyan hai abhivyakhti ki ,aur man ki baat kahne ki ....
aapko itni achi rachana ke liye badhai ...
aap bahut dino se mere blog par nahi aayi .. meri rachnayen aapke sneh ki raah dekh rahi hai ..
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/
bahut he sundar likha hai...
बहुत ही सुन्दर ख्याल लिख दिया जी आपने।
यह ख्याल है या जिक्र भर तेरा
तुम कहते हो
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
बहुत खूब।
तेरे ख्याल भर से
सोचा
यह ख्याल है या जिक्र भर तेरा
तुम कहते हो
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
bahut sunder rachana
बहुत मोहक अंदाज़ में आप ने दिल की बात बयां की है....बधाई..
नीरज
यह ख्याल है या जिक्र भर तेरा
तुम कहते हो
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
दिल की गहराई से लिखी पंक्तियाँ हैं।
नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएँ!
aayi tgi nav varsh ki bdhai dene per aapki choti si kavita ne chu liya kahin bhot hi acchi nazam ... bhot bhot bdhai...
नव वर्ष की शुभ कामनायें...
कुछ रहा वही दर्द का काफिला साथ
कुछ स्नेह भरा आप सब का सर पर हाथ....
गुलाब का बूटा
जिससे महकता था आंगन
दरख्त जहां पलती थी गर्माहट
मोड़ जहां इंतजार का डेरा था
कुछ भी तो नहीं दिख रहा
सब धुंधला गया
दिल पर हाथ रखा तो
वह धड़क गया
तेरे ख्याल भर से
wah...
First of All Wish U Very Happy New Year....
मैं कहीं गया नहीं, यही हूं तेरे पास
Sundra kriti...
Regards...
सुन्दर ख्याल...
नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं...
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति. आपको नववर्ष की शुभकामनायें, जब भी आप नया लिखें मेरे ब्लाग पर लिंक अवश्य छोड़ दें.
नव वर्ष में वंदन नया ,
उल्लास नव आशा नई |
हो भोर नव आभा नई,
रवि तेज नव ऊर्जा नई |
विश्वास नव उत्साह नव,
नव चेतना उमंग नई |
विस्मृत जो बीती बात है ,
संकल्प नव परनती नई |
है भावना परिद्रश्य बदले ,
अनुभूति नव हो सुखमई |
...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
सुंदर बहुत अच्छा
Oh! Kya kahoo? Lajawab kar Diya.
खूबसूरत लिखा है.
Post a Comment