उस दिन बेहद कोहरा था । कोहरे से भरे बादल बार बार गाड़ी के सामने वाले शीशे से टकरा रहे थे लेकिन उसे मंजिल पर पहुचने की बहुत जल्दी हो रही थी । गाड़ा कोहरा गाड़ी को स्पीड में आने ही नहीं दे रहा था । सामने एसा लग रहा था जैसे किसी ने धुयाँ धुयाँ छोड़ दिया हो । तभी कोहरे का एक बादल आया और उसने सड़क की सफ़ेद पट्टी को पूरी तरह से दबा दिया ...... गाड़ी को ब्रेक लगाने पड़े ...... इसी बीच मोबाईल बज गया। उसने काल सुनने के बाद गाड़ी मोड़ ली । अब वो शांत था ।
6 comments:
किसी बला से छुटकारा मिल गया होगा। शुभकामनायें
.रहस्यमय?
चलो, जो हुआ अच्छा हुआ!!
aage ki baat ka intezaar raheyga...
वही होना था?
waah!!suspense khul jaata tau achha thaa.. chalo fir bhi...achha hai.....
Post a Comment