Tuesday, October 21, 2008
किरण .......मेरठ की बहादुर बाला
किरण जाटव, जी हां! यही नाम है बहादुर बाला का। मेरठ की बाहरी बस्ती लाला मोहम्मदपुर की रहने वाली किरण को उस समय बड़ी तकलीफ हुई जब मायावती ने दलितों एवं गरीबों की बेटियों के लिये जारी योजना कन्या विद्या धन योजना को बंद कर दिया। किरण ने अपनी बात को मायावती तक पहुंचाने का नायाब तरीका खोजा और 14 अक्टूबर को सुबह चार बजे वह साइकिल से ही मायावती को मिलने के लिये राजधानी लखनऊ के लिये रवाना हो गई। जैसे तैसे वह 19 अक्टूबर को राजधानी पहुंच गई जहां उसे सीएम हाउस के गेट से यह कह कर लौटाने का प्रयास किया गया कि वह मायावती से नहीं मिल सकती। किरण कहती है कि वह मायावती के समक्ष अपनी बात रखे बिना नहीं लौटेगी। सोचने की बात है कि दलितों की कई ऐसी बेटियां हैं जिन्होंने कन्या विद्याधन योजना से अपनी शिक्षा पूरी की लेकिन जब योजना बंद हुई तो वे चुप बैठी रहीं , किरण चुप नहीं रह सकी। किरण अभी राजधानी में ही है। वहां के प्रशासन ने उसके जुनून की पहचान उसकी साइकिल को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही उसे भी नजर बंदी सी हालत में ला कर खड़ा कर दिया है। बड़ी बात यह है कि जब किरण ने कन्या विद्याधन योजना को पुन: जारी करने के लिये आवाज उठायी तो उसका पहला विरोध परिवार की ओर से हुआ। उसे कहा गया कि वह लड़की जात है, चुप से बैठी रहे।
अब आप ही सोचिए कि ऐसे हालातों में महिलाएं आगे आयें तो कैसे, अपनी बात आगे पहुंचाएं तो कैसे? दुखद तो यह है कि किरण उस प्रदेश की बेटी है जहां की मुख्यमन्त्री एक महिला है, उस शहर की बेटी है जहां की जिलाधिकारी एक महिला है, जहां की मेयर भी एक महिला है।
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21 comments:
किरण के संघर्ष को देखते हुए कन्या विद्याधन योजना को पुन: जारी किया ही जाना चाहिए।
yu hi sangharsh karti rhiye hum apke sath hai
i want 2 tk u
upashna16@gmail.com
shradha
मनविंदर जी किरण के साथ ही आप भी बधाई की पात्र हैं जिन्होंने इस मुद्दे को ब्लागजगत में उठाया है -सभी ब्लॉगर मित्रों से अपील है कि इस पर वे समवेत तौर पर किरण का हौसला बढायें जिससे कम से कम उस हिम्मती लड़की की आवाज तो मुख्यमंत्री जी सुन लें !
आपने बेहद संवेदनशील मुद्दा उठाया है। इसे औरत की बिडंवना ही कहा जाएगा।
बहुत सुंदर
koi bhi kamzor nahi hota.. baat hai to bas andar ki shakti pehchanne ki..
bahut badhiya post
बस ऐसी ही किरनें धरती पर छा जाएं।
ati sundar kaarya kiya hai, aur aapne ise uthakar aur sundar kaam kiya hai.
यूँ ही आगे आना होगा तभी अपना अधिकार मिलेगा ..बधाई की पात्र है यह
अच्छी पोस्ट है...
Aisi ghatnayen aam logon me payi jane wali jijivisha ko darshati hai. Logo ke andar sangarsh ki asadharan bhavna hai. Ladai ke sahi raste ki talash aur bechaini samaj me hai. Khas taur par striyon me chetna aa jane par bemisal taqat dikhayee deti hai. Kiran ke sahas ko salaam. Asha ki kiran dhoondne ke liye Manvinderji badhai ki patra hai.
aap nirantar aesae hee paatro sae milvaatee rahey padh kar khushi hotee hean
बहुत सुंदर, लेकिन मायाबती अपने जन्म दिन पर तो करोडो खर्च करती है, इन्ही दलितो के नाम से.... ओर इन्ही दलितो के वोट पा कर बेठी है उस कुर्सी पर... ओर इन्हे ही दुत्कार रही है...
धन्यवाद एक जज्वाज लडकी के बारे बताने के लिये
सभी को इस किरण का साथ देना चहिये वहां जा कर उस के साथ खडे हो कर.
धन्यवाद
aapki kalam ki tej ka kamaal ho,yahi kaamna hai
आप बधाई की पत्र हैं, इसलिए कि कमजोर वर्ग की एक साहसी बालिका के होंसले को सामने लेकर आईं हैं. बहुत अच्छी पोस्ट है. इसी संवेदनशीलता की दरकार आज के सियासतदाओं से भी है. काश उनकी कथनी करनी का अन्तर मिट जाए. फ़िर किरण जैसी बेटियों को इस तरह अपमानित नहीं होना पड़ेगा.
Kiran prashansa ki hakdar hai jisne visham paristhitiyon men bhi mayawati se milane ka sankalp kar liya. vah dusari ladkiyon ke liye prakash ki ek kiran hai. Aap bhi sarahana ki hakdar hain kyonki aise samacharon ko jan jan tak pahunchana bhi ek badi samajseva hai.
दुखद तो यह है कि किरण उस प्रदेश की बेटी है जहां की मुख्यमन्त्री एक महिला है, उस शहर की बेटी है जहां की जिलाधिकारी एक महिला है, जहां की मेयर भी एक महिला है।
***
आपकी चिंता जायज़ है और किरण की बहादुरी भी काबिले तारीफ पर पेंच यहाँ यह है कि महिला जो मुख्यमंत्री है और मेयर है वह महिला होने से पहले एक राजनीतिक आइडेंटिटी हो जाती है और महिला होने से पहले पार्टी के मुद्दे अहम हो जाते हैं ...इस लिए यह अफसोसनाक ही कहा जाना चाहिये कि जिस देश की राष्ट्रपति महिला हो ,सत्तारूढ दल की अध्यक्ष महिला हो , राजधानी की मेयर और मुख्यमंत्री महिला हो वहाँ की सड़कें और गलियाँ भी किसी आम स्त्री के लिए सुरक्षित नहीं हैं । राजनीति तो भ्रष्ट करती ही है !
जी हाँ समाचार में उसके बारे में पढ़ा था...ऐसी लड़कियों को प्रोत्साहन की जरुरत है....ओर उनकी हिमत को सलाम
किरण ने रौशनी की एक किरण दिखाई है। उसकी आवाज दूर दूर तक पहुंच रही है।
Wah kiran!
Nadiya chale chale re dhara...tujhko chalna hoga!
किरण उम्मीद की किरण है। हमारे देश के लिए। हमारे समाज के लिए। उस बहादुर बाला के जज्बे को सलाम। आज के दिन की सबसे अच्छी पोस्ट का खिताब, आपके नाम। शुक्रिया।
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