Saturday, October 25, 2008

आखिर क्यों धमकाया किरण को लखनऊ पुलिस ने ?????

मैंने पिछली पोस्ट में किरण के बारे में आप सभी को बताया था। उसके बारे में जान कार कईयों ने कमेंट भेजे तथा किरण को प्रोत्साहित किया , उसके जज्बे को सलाम कहा। अब मुझे पता चला कि किरण के साथ लखनऊ पुलिस ने बुरा सलूक किया। उसे कहा गया कि मायावती उससे मिलना चाहती है लेकिन उसे उसके ठिकाने से जबरन उठा कर हजरतंज थाने में लाया गया , वहां उसका मोबाइल छीन कर उसके साथ बदसलूकी की गई, धमकाया गया तथा कहा कि अगर फिर उसने सीएम साहिबा से मिलने की कोशिश की तो उसका बुरा हश्र होगा। इस चेतावनी के साथ किरण को धकिया कर जबरन पुलिस की जीप में बिठा कर मेरठ उसके घर पहुंचा दिया। आप ही सोचें, एक दलित बेटी को अपनी बात कहने की कितनी आजादी देती है हमारी सरकार? किरण सिरफ यही तो चाहती है कि कन्या धन योजना को फिर से उत्तर प्रदेश सरकार शुरू कर दे। किरण ने मेरठ आते ही अपने आसपास के गांवों की लड़कियों को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया है। वह उन लड़कियों के साथ एक बार फिर से लखनऊ जाने के मूड में है।

13 comments:

Unknown said...

यह मायावती का दलित प्रेम है. ऐसी घटनाओं से ही इन नेताओं के नकाब उतरते हैं पर आम आदमी फ़िर भी नहीं समझता .

Gyan Darpan said...

सुरेश जी आपने सही लिखा इन घटनाओं से ही ऐसे नेताओं का नकाब उतरता है मायावती ख़ुद दलित की बेटी के नाम पर प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रही है लेकिन उसी के राज में एक दलित बेटी के साथ सरकारी कारिंदों द्वारा एसा सलूक उसे नजर नही आएगा |

युग-विमर्श said...

बात केवल किरण की नहीं है. उन तमाम ठुकराए गए लोगों की है जिन्हें अनसुना कर देना ही राजनीति है. मायावती के सन्दर्भ में यह बात और भी गंभीर हो जाती है. हमारी शुभ कामनाएं किरण के साथ हैं.

राज भाटिय़ा said...

अजि इस आम जनता ने ही तो इन टटपुजिये लोगो को नेता बना कर हमारे सर पे बिठाया है, गोरा रंग देख कर भावुक हो जाते है( अरे यह तो मेम हई देदो वोट) कोई नोटंकी कर के किसी के घर मै खाना का गया तो अरे इतना बडा आदमी झोपडे मै खाना खा कर गया दे दो वोट ,किसी गरीब को बिन मांगे १० लाख दे दिये( सरकारी खाजाने से बिना आधिकार के) दे दो इसे वोट, कोई नेता का कुत्ता मर गया तो भी भावुक लोग झट से उसे वोट दे देते है,
अब माया की माया सब देखते है, ओर वह इन्ही दलितो के सर से बनी ओर इन्हे ही लात मार रही है, फ़िर कल यही आम लोग फ़िर से उसे जीताये गे,
जब तक हम जागते नही पता नही कितनी माया हमे जुते मारेगी....
आप ने बहुत ही अच्छा लेख लिखा ओर अच्छी जान कारी दी,
आपको दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये !

Vivek Gupta said...

दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये | हम बदलेंगें युग बदलेगा |

Udan Tashtari said...

जनता का क्या कहें जो इस तरह के नेताओं को चुनते हैं न जाने क्यूँ!!


आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

शोभा said...

बहुत सुंदर लिखा है. दीपावली की शुभ कामनाएं.

प्रदीप मानोरिया said...

हमेशा की तरह प्रवाहित मजेदार
सुखमय अरु समृद्ध हो जीवन स्वर्णिम प्रकाश से भरा रहे
दीपावली का पर्व है पावन अविरल सुख सरिता सदा बहे

दीपावली की अनंत बधाइयां
प्रदीप मानोरिया

रवीन्द्र प्रभात said...

आप ने बहुत ही अच्छा लिखा,अजि यह मायावती का दलित प्रेम है.आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

श्रीकांत पाराशर said...

Yahi to vidambana hai. kiran ka mamla to prakash men aagaya, kitni hi kiran apman ka ghoont peekar lout jaati hain. yah kiran to himmat harnewali nahin lagti. janta ko uske sath khada hona chahiye, aakhir vah aam admi ke adhikaron ke liye hi to aawaz utha rahi hai.

Anonymous said...

आम आदमी के मुद्दे उठाना एक साहस भरा काम है, और आपने ऐसा ही काम किया है। हिम्मत कायम रखें। साधुवाद।

admin said...

पुलिस है भई, कुछ भी कर सकती है। उसके निर्णयों पर सवाल करने वाले हम कौन होते हैं?

दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।

जगदीश त्रिपाठी said...

किरण को हार नहीं माननी चाहिए। फिर से मायावती से मिलने का उसका इरादा अटल होना चाहिए। और मिलकर उनसे अपनी बात जरूर कहनी चाहिए। पुलिस ने उसके साथ जो सुलूक किया, उसके बारे में कुछ कहना बेकार है। हमारे देश की पुलिस निर्बलों को सताने और दबंगो की कोर्निश बजाने के मशहूर हो चुकी है।