वक्त ने मुझे समझाया
तब बड़ी मुश्किल से
हामी भरी थी तुम्हें भेजने की
भारी मन से गाड़ी सजायी
प्यार की झालरें लटकायीं
तुम्हें रवाना किया
खिड़की से जब जाती गाड़ी देखी
तो उसमें तुम अकेले नहीं थे
और वो वक्त कर गया मुझे उदास
सोचें बंट गई दो खेमों में
एक उदास तो दूसरी समझदार
उदास को समझदार ने कहा
उदास न हो
जरा ऊपर देख
प्यार की झालरों पर है तेरा नाम
उसकी छुहन में है तेरी ही खुश्बू
25 comments:
घड़ी विरह की आयी फिर भी गीत खुशी के गाऊँ।
विरह के बाद मिलन है संभव सोच सोच मुस्काऊँ।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
सच बहुत खूबसूरत .............काफी अच्छा लिखा है
www.yaadonkaaaina.blogspot.com
bahut sundar!!!
.काफी अच्छा लिखा है ---
उदास न हो
जरा ऊपर देख
प्यार की झालरों पर है तेरा नाम
उसकी छुहन में है तेरी ही खुश्बू
achha likha hai. bhavuk kar diya.
Dear Manvinder,
aap bahut accha likhti hai ji ..
उसकी छुहन में है तेरी ही खुश्बू...
ye lines ruhani hai , bus is kavita ki khushbu hi alag hai ...
regards,
Vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/
भावुक अभिव्यक्ति....
प्यार की झालरों पर है तेरा नाम
उसकी छुहन में है तेरी ही खुश्बू
बहुत बढ़िया भावपूर्ण कविता लिखी है आपने
जज्बातों से भरी रचना।
उदास न हो
जरा ऊपर देख
प्यार की झालरों पर है तेरा नाम
उसकी छुहन में है तेरी ही खुश्बू
बहुत खूब।
वाह वाह क्या खूबसूरत सा अहसास है, कविता में जी,
विरह रो रहा है,
मिलन गा रहा है,
किसे याद रख लूं ?
किसे भूल जाऊं ?
बहुत खूब..!
बहुत बढ़िया .भावुक अभिव्यक्ति !
प्यार की झालरों पर है तेरा नाम
उसकी छुहन में है तेरी ही खुश्बू
bahut sundar
अति भावपूर्ण रचना..इतना कम क्यूँ लिखती हैं आप??
एक उदास तो दूसरी समझदार
उदास को समझदार ने कहा
shabd sanyojan sundar hai,badhai
बहोत ही बढ़िया एहसासात है साथ में भाऊक कर देने वाली पंक्तियाँ ,बहोत ही सुंदर कविता लिखा है आपने ... ढेरो बधाई आपको.. बहोत दिनों से आपके ब्लॉग पे आना नही हो सका इसकेलिए क्षमा चाहूँगा ....
अर्श
भावनाप्रद रचना. आपकी रचनाधर्मिता एक अलग तरह की अनुभूति प्रदान करती है. शब्द बहुत गहरे अर्थ लिए होते हैं. एक अच्छी रचना के लिए बधाई.
वाह अच्छा लिखा है लिखती रहें
मनविन्दर जी बहुत दिनों बाद आपकी तरफ आई आपकी सभी कविताएं मन को छू लेने वाली हैं
बार-बार पढने को जी चाहता है...बधाई।
बहुत ही सुंदर ओर भावपुर्ण कविता लिखी आप ने.
धन्यवाद
प्यार की झालरों पर है तेरा नाम
उसकी छुहन में है तेरी ही खुश्बू
वाह...वाह...क्या नाजुक खयाली है...आप कितनी सहजता से मन की बात कह जाती हैं...ये हुनर हर किसी में नहीं होता...
नीरज
bahut sunder rachana
बहुत शानदर प्रविष्टि!
gambheer
बड़ी खूबसूरत हैं ये प्यार की झालरें...और आप की खुशबू. कोमल अनछुई सी कविता.
its majestic, realy awesome...
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